वे रोगी जो अधिक विकसित प्रकार के लेन्सों की तुलना में इन लेन्सों को चुनते हैं, तो उन्हें पढ़ने या कंप्यूटर पर काम करने के लिेए चश्मा पहनना पड़ता है या संस्पर्श लेन्स लगवाने होते हैं.
2.
दूर, मध्यवर्ती, या निकट.[7] वे रोगी जो अधिक विकसित प्रकार के लेन्सों की तुलना में इन लेन्सों को चुनते हैं, तो उन्हें पढ़ने या कंप्यूटर पर काम करने के लिेए चश्मा पहनना पड़ता है या संस्पर्श लेन्स लगवाने होते हैं.
3.
आंतराक्षि लेन्स के विकास से दृष्टि की दुनिया में एक नवप्रवर्तन हुआ क्योंकि इनके आने से पूर्व रोगियों के प्राकृतिक लेन्स बदले नहीं जाते थे जिसके परिणामस्वरूप उन्हें मोटे-मोटे चश्मे लगाने पड़ते थे या विशेष प्रकार के संस्पर्श लेन्स बगवाने होते थे.
4.
वे अक्सर “प्रीमियम” लेन्स के रूप में संदर्भित होते हैं क्योंकि वे बहुफोकस और समंजक होते हैं तथा मरीज को चश्मा पहनने या संस्पर्श लेन्स लगाने की आवश्यकता को समाप्त करते हुए, एकाधिक दूरियों पर वस्तुओं को देखने की सुविधा देते हैं.
5.
आंतराक्षि लेन्स के विकास से दृष्टि की दुनिया में एक नवप्रवर्तन हुआ क्योंकि इनके आने से पूर्व रोगियों के प्राकृतिक लेन्स बदले नहीं जाते थे जिसके परिणामस्वरूप उन्हें मोटे-मोटे चश्मे लगाने पड़ते थे या विशेष प्रकार के संस्पर्श लेन्स बगवाने होते थे.
6.
वे अक्सर “प्रीमियम” लेन्स के रूप में संदर्भित होते हैं क्योंकि वे बहुफोकस और समंजक होते हैं तथा मरीज को चश्मा पहनने या संस्पर्श लेन्स लगाने की आवश्यकता को समाप्त करते हुए, एकाधिक दूरियों पर वस्तुओं को देखने की सुविधा देते हैं.